Rekha mishra

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लेखनी प्रतियोगिता -23-May-2022

        दावते इश्क 
दावत में गए थे कि जी भर 
कर खाना खाएंगे। 
नमकीन मीठे का जी भर 
कर लुफ्त उठाएंगे। 
और अजीब सी बात हो गई 
जो कहीं ना मिले हमे 
उन्हीं से अचानक 
मुलाकात हो गई। 
दुनिया की होगी 
वो आम दावत 
हमारी तो दावते इश्क हो गई। 
खाना पीना गए भूल के 
देखा उन्हें तो भूख जैसे 
एकदम से गायब हो गई। 
होगी दुनिया के लिए 
खाने की कई वैरायटीया
हमारे लिए तो बस उनकी 
आँखे ही मधुशाला हो गई। 
गए थे दावत खाने और 
ये शरारत हो गई। 
दावत का लुफ्त तो उठाया नहीं 
नीद ही उड़ गई हमारी के ऐसी 
हालत हो गई। 
होगी सब के लिए वो दावत 
हमारे लिए तो जान को आफत 
हो गयी ।
ना भूख ना नीद ऐसी हालत हो गई। 
मौका ऐसा भी आया कि आगे 
चलकर खुद हमारी शादी लोगों 
के लिए दावत हो गई। 

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7 Comments

Shnaya

28-May-2022 01:09 PM

बेहतरीन

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Seema Priyadarshini sahay

24-May-2022 02:10 PM

बहुत खूब

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Punam verma

24-May-2022 10:58 AM

Nice

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